विद्या ददाति विनय, विनयाद् याति पात्रताम् ।
पात्रत्वात् धनमाप्रोति धनात् धर्मं ततः सुखम्।।
विद्या विनय देती है, विनय से पात्रता, पात्रता से धन, धन से धर्म और धर्म से सुख प्राप्त होता है। सीकर विद्यापीठ ने सफलता के 25 वर्ष पूरे कर लिए हैं। जिसमें उन्होंने विभिन्न क्षेत्रों में डॉक्टर, इंजीनियर, चार्टर्ड अकाउण्टेण्ट एवं प्रशासनिक सेवाओं में बहुत सारे विद्यार्थी दिये हैं। संस्थान ने इन 25 वर्षों के सफर में राज्य स्तरीय बोर्ड मेरिट एवं जिला स्तरी बोर्ड मेरिट देकर अपनी श्रेष्ठता एवं गुणवत्ता को सिद्ध किया है।
शिक्षा मनुष्य की वह नींव है, जिस पर मनुष्य का भविष्य निर्मित होता है। सीकर विद्यापीठ, सीकर अपने शिक्षा के प्रति निरंतर प्रयासों से ज्ञान की जोत को राजस्थान में प्रज्ज्वलित करने का सार्थक प्रयास कर रही है। इस विद्यालय के मेरे सभी सहकर्मी, शिक्षक और कर्मचारी अपने पूरे समर्पण भाव के साथ शिक्षा को प्रत्येक विद्यार्थी तक पहुंचाने का सार्थक प्रयास कर रहे हैं।